Wednesday, February 24, 2010

हुडदंग की होली

होली है

आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के परिसर में होली की अलग ही ख़ुशी देखने को मिल रही है। आज २५ फेब है और होली में अभी ३ दिन बाकि है परन्तु आज छात्र अपने सभी मन मुटाव भूल कर मिल कर होली मनारहे है । खैर होली का पर्व ही कुछ ऐसा है जो भाईचारे को बढ़ानेवाला है । जहा आज आदमी के पास इतना समय नहीं है की वो अपने घरवालो के साथ बैठकर बात करसके वह इस तरह के पर्व देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम करते है । मेरे विश्व विद्यालय में पहला वर्ष है शायद इस लिए मुझे ये थोडा ज्यादा खुश कररह है पर ये बात मई पक्के विशवास से कह सकता हु की होली जैसे उत्सव दे को एक माला की तरह बनाते है और हम लोगो को उस माला में मोती की तरह पिरोते है । आज मै बहोत गर्व से अपनी इस संस्कृती को दुनिया के सामने ले जा कर कह सकताहू की भारत को किसी से कोई खतरा नहीं। परन्तु मै यहाँ ये जरूर कहना चाहूँगा की हमें दुसरो को जबरदस्ती कोई पर्व मानाने के लिए मजबूर नहीं करना ये हमे प्राण लेना होगा ।

अधर्म का विरोध करो

आज हमारा देश कितना महान है ये कोई छुपी बात नहीं है । जहाँ कभी भगवन श्री कृष्ण ने अधर्म करने वालो का वध करना सबसे बड़ा धर्म बताया था वंहा आज हम समाज में फैली इन समस्याओ के प्रति ऐसा उदासीन है । अगर कोई गलत काम करता है तो हमें फर्क नहीं पड़ता हम लोग बस ये सोचते है की आज कल तो ये आम बात है । इतना ही नहीं हम लोगो की रक्षा करने वाली पुलिस का दिल भी एक बार ये नहीं सोचता की यदि हम देश की रक्षा के लिए शपथ ले चुके है । हमे गलत काम का विरोध करने के लिए किसी और की पहल का इंतजारकरते हुए चुप नहीं बैठना है जब ये कसम खाकर हमलोग तत्पर होंगे तब इन अधर्म करने वाले कुछ मुट्ठी भर लोगो की हिम्मत भी टूकड़े टूकड़े hogi

hindu means indian

aaj hamare desh ko kitni hi samasyao se jujhna pad raha hai unme se ek hai dharmik kattar panth. aaj hamare desh me kuch ese shararti tattav hai jo nahi chate ki bharat ek samridh desh bane aur shayad vo log isme kamyaab bhi ho jai magar unko rokne ke liye hume apne star par kadam uthane ki awashakta hai.hum sochte hai ki sarkar hamareliye har kaam kare magar ye kahte hue wo log bhul jate hai ki sarkar yadi ek ek wyakti ke liye alag alag kaam karegi to kooi bhi yojna desh vyapi nahi ho sakti.hum desh me dharmik kattarpanth ki baat karrahe hai to ye batana chaunga ki hum ek swatantra desh me rah rahe haihume anpe mann ke vicharo ko wyakt karni ki ajadi hai.dharm ke nam pe jo dange hote hai uske jimmedar tattvo ka na to koi dharm hai na imman. wo to bu apna fayda dekhte hai.unhe pata hai jis din sabhi dharmo ke log dharm se uper uth kar hundustani baneinge us din bharat ko rokne wali koi shAKTI nahi hogi. to aeo aaj hum kasam khate hai ki aaj se hum hindustani banne ki oor age badhe.