Tuesday, August 10, 2010

कोन्स्तितुतिओन

संविधान (constitution) , किसी संस्था को प्रचालित करने के लिये बनाया हुआ संहिता (दस्तावेज) है। यह प्रायः लिखित रूप में होता है। यह वह विधि है जो किसी राष्ट्र के शासन का आधार है; उसके चरित्र , संगठन , को निर्धारित करती है तथा उसके प्रयोग विधि को बताती है , यह राष्ट्र की परम विधि है तथा विशेष वैधानिक स्तिथि का उपभोग करती हैविशेष वैधानिक स्तिथि का लाभ - यह क़ानून सीधे जनता से अपनी सत्ता प्राप्त करता हैजेसे संविधान की उद्देशिका इस प्रकार शुरू होती है 'हम भारत के लोग ' दूसरी सभी रूधिया, विधि ,कानूनी मान्यता तो रखती है परन्तु संविधान की तुलना मे गौण होती हैसभी प्रचलित कानूनों को अनिवार्य रूप से संविधान की भावना के अनुरूप होना चाहिए यदि वे इसका उल्लंघन करेंगे तो वे अस्वेधानिक घोषित कर दिए जाते है
[संपादित करें] संविधान के प्रकार
१ गेर लिखित जेसे ब्रिटेन का है२ लिखित जेसे भारत का है१ गैर लिखित संविधान कभी भी सहिन्ताबध नही किया जाता है उसमे कोई अनुच्छेद या अनुसूची नही होती है यदपि जनता को उसकी जानकारी होती हैवह्नी लिखित संविधान एक वैधानिक पत्र के रूप मे सहिन्ताबध होता है२ अलिखित संविधान निर्मित ना होकर विकसित होता है जेसे ब्रिटेन का संविधान मैग्नाकार्टा से शुरू होता है तथा आज भी जारी हैवाही लिखित संविधान मात्र संविधान सभा की देन होते है ,उनके शुरू होने तथा बन जाने के बाद समाप्त होने की तिथि जरूर होती है३ अलिखित संविधान मे संसद सर्वोच्च सत्ता होती है वे संविधान से परे होती है उस पर प्रभुता रखती है संसद के सभी कानून अपने आप संविधान का हिस्सा बन जाते हैकिंतु लिखित सविधान मे संविधान सर्वोपरि होता है न कि संसद४ अलिखित संविधान हमेशा लचीला होगा उसमे इच्छा अनुसार बदलाव लाये जा सकते हैकिंतु लिखित संविधान सुनम्य ,कठोर तथा मिश्रित प्रकार का हो सकता है

Monday, August 9, 2010

खतरनाक है आप का वाटर प्युरिफयेर

आज बाज़ार में पानी साफ़ करने की कितनी ही मशीन उपलब्ध है परन्तु क्या आपने कभी सोचा है की इन मशीनों में जिस तकनीक का इस्तमाल होता है वो आपको बीमार कर सकता है । पर इस प्रतयोगिता की दौड़ में सभी अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए लोगो की सेहत से समझोता करने से बाज नहीं आते । यही उन्हें ये सोचने की जरूरत है की यासा करके वो किसको धोखा दे रहे है। यहाँ ये बात गौर करने लायक है की जो लोग इस तरह के प्रोडक्ट बनाते है क्या वो खुद भी इनका इस्तमाल करते है अगर हा तो शायाद उन्हें ये नहीं पता की उनकी मशीन कितनी खातरनाक है और अगर वो इसका इस्तमाल नहीं करते तो उन्हें किसने हक़ दिया की वो लोगो की सेहत से खिलवाड़ करे । खैर ये तो बात हुई उन्हें पता है या नहीं परन्तु बात सिर्फ यही तक नहीं है ये ब्रांड्स इतने बड़े है की मुझे नहीं लगता की उन्हें कीसी तरह की आर्थिक तंगी हो जिस कारण वो पानी साफ़ करने की मशीन का अछि तरह टेस्ट करवाएं । निर्माताओ को ये बात समझनी होगी की इस तरह के प्रोडक्ट बना के वो थोड़े समय तक फायदा कम सकते कई पर इसके बाद ब्रांड्स की जो इमेज गिरेगी वो दोबारा तैयार नहीं होगी। ग्राहक को भी जागरूक होना होगा और अपना हित खुद देखना होगा