Saturday, January 15, 2011

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आरुषि मामला: रिपोर्ट माता-पिता को सौंपे

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ग़ाज़ियाबाद में सीबीआई की विशेष अदालत ने कहा है कि सीबीआई ने आरुषि हत्याकांड मामला बंद करने से जुड़ी जो रिपोर्ट तैयार की है, उसे आरुषि के माता-पिता को भी सौंपी जाए.

केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने सोमवार को विशेष अदालत में ये मामला बंद करने के लिए अर्ज़ी दाख़िल की थी.

आरुषि केस को बंद करने के सिलसिले में अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी. कोर्ट का कहना है कि चूंकि राजेश तलवार के ख़िलाफ़ कोई चार्जशीट दायर नहीं की गई है इसलिए उन्हें रिपोर्ट की कॉपी दी जानी चाहिए.

राजेश तलवार के वकील ने शुक्रवार को आरुषि हत्याकांड मामले को बंद करने संबंधी रिपोर्ट की प्रति माँगी थी.लेकिन सीबीआई ने ये कहकर इसका विरोध किया था कि इस मामले में राजेश तलवार को पहले गिरफ़्तार किया जा चुका है.

सीबीआई के वकील का कहना था कि ये कोर्ट को तय करना है कि वो आरुषि मामले में और जाँच करने के लिए निर्देश देता है या फिर मामला बंद करने की रिपोर्ट को स्वीकार कर लेता है.

आरुषि मामला

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सीबीआई कह चुकी है कि उसे आरुषि हत्याकांड में पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाए हैं कि वो किसी के भी ख़िलाफ़ हत्या का अभियोग चला सके. लेकिन साथ ही कुछ रिपोर्टों में सीबीआई की ओर से कहा गया था शक की सुई राजेश तलवार की ओर घूमती है.

15 मई 2008 की रात को डॉक्टर राजेश तलवार और नूपुर तलवार की बेटी आरुषि की उनके नोएडा स्थित घर पर हत्या कर दी गई थी. अगले दिन घर की छत से परिवार के नौकर हेमराज का भी शव मिला था.

लेकिन दो साल से ज़्यादा साल गुज़र जाने के बाद भी मामले की गुत्थी अब तक सुलझी नहीं है.सीबीआई को पहले तीन नौकरों पर शक था लेकिन उनके ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं मिले.

राजेश और नूपुर तलवार के वकील ने सीबीआई के आरुषि मामला बंद करने के फ़ैसले का विरोध किया है









गूजरों और सरकार के बीच समझौते की घोषणा

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सरकार और गूजरों के बीच आरक्षण के मुद्दे पर समझौता हो गया है और उन्होंने आंदोलन वापस लेने का ऐलान किया है.

सरकार ने उन्हें पाँच फीसद आरक्षण देने का वादा दोहराया है जिसके तहत अभी एक फीसद आरक्षण पहले की तरह यथावत जारी रहेगा.

हाई कोर्ट के निर्देशानुसार गूजर सहित अन्य पिछड़ी जातियों का पिछड़ापन सत्यापित करने का सर्वे छह महीने में पूरा कर लिया जाएगा.

ये सर्वे अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सामने पेश किया जाएगा ताकि गूजरों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की जा सके.

सरकार ने कहा है कि अगर इस सर्वे में कुछ अन्य जातियां भी आर्थिक रुप से पिछड़ी जातियों के रुप में चिह्नित होती हैं तो आयोग की सिफारिश के मुताबिक आरक्षण में बढ़ोतरी की जाएगी.

दोनों पक्षों के समझौते के तहत गूजरों के ख़िलाफ़ दायर मुकदमों पर कार्रवाई क़ानून देखकर की जाएगी.

गूजर नेताओं ने कहा है कि तेलंगाना में भी आंदोलनकारियों को रिहा किया गया है इसी तर्ज़ पर उनके ख़िलाफ़ मुकदमे भी वापस लिए जाएं. सरकार ने कहा कि वो इस पहलू पर भी विचार करेगी.

आंदोलन में घायल हुए लोगों के लिए इलाज की व्यवस्था और स्थायी रुप से अपंग हो गए लोगों को विकलांग पेंशन देने के बारे में भी सरकार ने आश्वासन दिया है.

सरकार ने यह भी कहा है कि आरक्षण दिए जाने के स्थिति में उसे केंद्र को भी भेजा जाएगा ताकि उसे नवीं सूची में शामिल किया जा सके.

गूजर आंदोलन के समाप्त होने से मुंबई दिल्ली रेलमार्ग फिर से शुरु हो सकेगा क्योंकि आंदोलनकारी पिछले 17 दिनों से इस रेललाइन को जाम किए बैठे थे


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