Monday, May 10, 2010

koun kiske changul me hai

व्यंज़ल

क्या फ़र्क कौन किसके चंगुल में है
जनता सदा से नेता के चंगुल में है

भविष्य स्वर्णिम है यकीनन हमारा
क़ानून बाहुबलियों के चंगुल में है

अपनी मांद में ख़ैर मना लिए बहुत
अंतत: राठौर रूचिका के चंगुल में है

मेरे वतन का हो गया है अजब हाल
मंत्री अब नौकरशाहों के चंगुल में है

वक़्त ने पलटा है आज अपना पाँसा
वही वक़्त आज रवि के चंगुल में है

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